9 C
New York
Friday, March 17, 2023

Buy now

spot_img

गया जिला

गया जिला पटना कमिश्नरी का दक्षिणी हिस्सा है। यह 24 डिग्री 17 मिनट और 25 डिग्री 19 मिनट उत्तरी अक्षांश तथा 84 डिग्री 0 मिनट और 86 डिग्री 3 मिनट पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है।

गया जिले के उत्तर में पटना जिला पूर्व में मुंगेर और हजारीबाग जिला दक्षिण में हजारीबाग और पलामू जिला तथा पश्चिम में शाहबाद(पुराना) जिला है। गया और शाहाबाद जिले के बीच में सोन नदी प्राकृतिक सीमा का काम करती है। गया जिले का क्षेत्रफल 4714 वर्ग मिल है। पास के शाहाबाद जिले से या थोड़ा ही बड़ा है लेकिन पटना जिला से तो यह करीब ढाई गुना बड़ा है।

गया जिले की आबोहवा साधारणतः सुखी है । बिहार के और जिलो के अपेक्षा यहां गर्मी के दिनों में अधिक गर्मी और जाड़े के दिनों में अधिक जाड़ा पड़ता है।

जिले का मुख्य शहर गया फल्गु नदी के किनारे स्थित है। शहर के उत्तर में मुरली और रामशिला पहाड़ी, दक्षिण में ब्रह्म योनि पहाड़ी, पूरब में फल्गु नदी तथा पश्चिम में खुला मैदान और कटारी पहाड़ी है। शहर दो भागों में बांटा है पुराना शहर और नया शहर। नया शहर साहबगंज नाम से प्रसिद्ध है। पुराना शहर हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। भारत के भिन्न-भिन्न भागों से हिंदू लोग यहां पितरों को पिंड दान करने के लिए आते हैं। साहब गंज में अंग्रेजों का निवास स्थान और सरकारी कचहरिया है। व्यापार का केंद्र भी यही स्थान है। गया के मंदिरों में विष्णुपद का मंदिर सबसे प्रसिद्ध है। इसे 18वीं सदी में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई ने बनवाया था। इस मंदिर में विष्णु के पद का चिन्ह है। दूसरा मुख्य मंदिर गदाधर नामधारी विष्णु भगवान का है। गयासूरी देवी का मंदिर भी प्रसिद्ध है जहां महिषमरदिनी अष्टभुजी दुर्गा का मूर्ति है। इनके अलावा सूर्य देव का मंदिर ,पिता महेश्वर का मंदिर और कृष्ण द्वारका के मंदिर भी मुख्य है। जिनमें पाल राजाओं के समय की मूर्तियां हैं। एक मंदिर में वृक्ष से फूल या फल तोड़ते हुए हाथी की मूर्ति है जो लगभग 2000 वर्ष की समझी जाती है।

गया के आसपास की पहाड़ियों को भी हिंदू लोग पवित्र दृष्टि से देखते हैं। उन पर कई मंदिर बने हुए हैं। इन पहाड़ियों में गया के दक्षिण का ब्रह्म योनि पहाड़ सबसे ऊंचा है। इसकी ऊंचाई 450 फीट है। पहाड़ के ऊपर एक गुफा है जिसे लोग ब्रम्ह योनि कहते हैं। सनातनी हिंदुओं का कहना है कि जो इसके अंदर प्रवेश करता है वह पुनर्जन्म से मुक्त हो जाता है। पहाड़ी पर ब्रह्म की एक मूर्ति भी है जो 1633 ईसवी की समझी जाती है। शहर से उत्तर एक रामशिला पहाड़ी है जहां एक मंदिर में शिवलिंग है, जिसे लोग पातालेश्वर महादेव कहते हैं। मंदिर के नीचे का भाग 1014 ईस्वी का बना हुआ है।

गया में यात्री अस्पताल के सामने 16 फीट ऊंचा एक स्तंभ है जो 1781 ईसवी में बकरौर नामक स्थान से लाया गया था। यह वहां अशोक स्तंभ का ऊपरी हिस्सा था

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,742FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

%d bloggers like this: