अन्न घुनाइल खाँखरा, फटक उड़ावे सूप / दोहा – अनिरूद्ध

अन्न घुनाइल खाँखरा, फटक उड़ावे सूप  भोजपुरी दोहा अनिरूद्ध अन्न घुनाइल खाँखरा, फटक उड़ावे सूप। अवगुन कौड़ा तब मिटे, बनीं सूप अनुरूप।। सोना-सोना जे रटे, निनिआ भइल हराम। मेहनत मोती जे लुटे, सुख से करे अराम।। सदा सतावे दीन के, धनी अउर सउकार। धन-बूता सोभे जहाँ, दया-छमा-उपकार।। बरे बदन बाती हँसे, सिर दे करे अँजोर। … Read more