देश के जवान (भोजपुरी कविता) – कुंज बिहारी ‘कुंजन’

kunj bihari kunjan

देश के जवान – भोजपुरी कविता  कुंज बिहारी ‘कुंजन’ का जवान भइलऽ हो बाबू डहिअवलऽ ना गाँवा गाँई, न हाथे हथकडि़ये लागल अब का फोन जवानी आई ? दूबर पातर बूढ़, अपाहिज, भिखमंगन पर रोब जमा लऽ भा कवनो मिल जाय अकेला- राही, तू ताकत अजमा लऽ मूंगफली बालन के लूटऽ चाय पकौड़ी लूट पाट लऽ … Read more

माई (भोजपुरी कविता ) मनोज भावुक

माई - bhojpuri kavita/geet

मनोज भावुक का जन्म 2 जनवरी 1976 को सीवान (बिहार) में हुआ था . मनोज भावुक भोजपुरी के सुप्रसिद्ध युवा साहित्यकार हैं जो  पिछले 15 सालों से देश और विदेश में  भोजपुरी भाषा, साहित्य और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभा रहे है । प्रस्तुत है इनकी एक भोजपुरी गीत  जो दिल के काफी … Read more

मर जाते हैं साहब जी (कविता)- उत्कर्ष आनंद ‘भारत’

देश-दुनिया लगातार दूसरे साल भी कोरोना महामारी से जूझने को विवश है। बद से बदतर होते हुए आज हालात ऐसे हो गए हैं कि हर तरफ इंसान के शारीरिक और मानसिक मौतों का मंजर ही दिख रहा है। जब उत्सवों का बाजार नरम और कफ़न का बाज़ार चरम पर हो, ऐसे में एक कवि मन … Read more