देश के जवान (भोजपुरी कविता) – कुंज बिहारी ‘कुंजन’

kunj bihari kunjan

देश के जवान – भोजपुरी कविता  कुंज बिहारी ‘कुंजन’ का जवान भइलऽ हो बाबू डहिअवलऽ ना गाँवा गाँई, न हाथे हथकडि़ये लागल अब का फोन जवानी आई ? दूबर पातर बूढ़, अपाहिज, भिखमंगन पर रोब जमा लऽ भा कवनो मिल जाय अकेला- राही, तू ताकत अजमा लऽ मूंगफली बालन के लूटऽ चाय पकौड़ी लूट पाट लऽ … Read more