13.4 C
New York
Friday, March 17, 2023

Buy now

spot_img

गोपालगंज

गोपालगंज जिला सारण का एक सबडिवीजन था। यह जिला 26 डिग्री 12 मिनट और 26 डिग्री 36 मिनट उत्तरी अक्षांश तथा 53 डिग्री 54 मिनट और 54 डिग्री 55 मिनट पूर्वी देशांतर के बीच में स्थित है।

गोपालगंज से 25 मील दक्षिण पूर्व में दिघवा- दुबौली नामक गांव है ।यहां 761- 62 ईसवी का एक ताम्रपत्र पाया गया है जो श्रावस्ती के राजा महेंद्र पाल द्वारा पनिया नामक एक गांव दान दिए जाने के संबंध में लिखा गया था।

हथुआ रेलवे स्टेशन से हथुआ गांव करीब 1 कोस दूर है। यहां हथुआ राज की राजधानी, बाग ,पुस्तकालय, हाईस्कूल और एक बड़ा अस्पताल है । राज का कुछ हिस्सा चंपारण मुजफ्फरपुर दरभंगा शाहबाद पटना दार्जिलिंग कोलकाता गोरखपुर और बनारस जिले में भी है। राज का कुल क्षेत्रफल करीब 800 वर्ग मील है जिसमें से 600 वर्ग मील जमीन सारण जिले में ही है। हथुआ के महाराज भूमिहार ब्राहमण है । यह राजवंश पहले हसपुर राजवंश के नाम से विख्यात था । मुसलमानों के भारत में आने से पहले से ही इस राजवंश का होना बताया जाता है। इस वंश के लोग 100 से भी अधिक पुश्तों से सारण में है। इस वंश में 103 राजे हुए ।यह लोग पहले सेन कहलाते थे। 16 वे राजा से सिंह की पदवी चली और 53 वे से मल की । 97 राजा से साही की पदवी चल रही है । 56 में राजा कल्याण मन को दिल्ली के बादशाह ने महाराजा की उपाधि दी थी। छात्रधारी साही ने हथुआ में अपनी राजधानी बनाई । चक्रधारी सिंह के बाद उनका पोता राजेंद्र प्रताप शाही और इनके बाद इनका लड़का विष्णु प्रताप शाही राजा हुए। इन्होंने राज प्रसाद और दरबार हॉल बनवाया। इस दरबार हॉल की गिनती हिंदुस्तान के सबसे बड़े सुंदर दरबार हॉल में से है। हथुआ राज का बंटवारा नहीं होता है खानदान के बड़े लड़के को गद्दी मिलती है और दूसरे लड़कों को भरण-पोषण के लिए थोड़ी सी जायदाद दी जाती है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,742FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

%d bloggers like this: