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शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने का होता है वैज्ञानिक महत्व, कई बीमारियां होती हैं दूर

शरद पूर्णिमा का पावन पर्व शुक्रवार, 30 अक्तूबर को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण होकर अमृत वर्षा करता है। शरद पूर्णिमा के दिन रातभर चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने की मान्यता भी है। ऐसा माना जाता है कि इस खीर का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। रातभर चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने का धार्मिक महत्व के साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी होता है।

रातभर चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने का वैज्ञानिक महत्व…


खीर दूध और चावल से बनकर तैयार होती है। दरअसल दूध में लैक्टिक नामक अम्ल पाया जाता है, जो चंद्रमा की किरणों से अधिक मात्रा में शक्ति का शोषण करता है। इसके साथ ही चावल में स्टार्च पाया जाता है जिस वजह से ये प्रक्रिया और भी आसान हो जाती है। वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार भी इस खीर का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है। 

दमा के मरीजों के लिए फायदेमंद है ये खीर


दमा के मरीजों के लिए ये खीर काफी फायदेमंद होती है। दमा के मरीजों को इस खीर का सेवन करना चाहिए। दमा के मरीज शरद पूर्णिमा की रात में खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखें और सुबह चार बजे के आसपास इसका सेवन कर लें।

दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद


इस खीर का सेवन दिल के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। दिल के मरीजों को शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा की रोशनी में खीर को रखकर सुबह इसका सेवन कर लेना चाहिए। दिल के मरीजों के लिए ये खीर काफी फायदेमंद होती है।

स्किन से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं


शरद पूर्णिमा की रात्रि में खीर रखकर उस खीर का सेवन करने से स्किन से संबंधिक समस्याएं दूर हो जाती हैं। स्किन से संबंधित बीमारियों के मरीजों के लिए इस खीर का सेवन काफी फायदेमंद होता है।

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