बेतिया

बेतिया जिला 26 डिग्री 36 मिनट और 27 डिग्री 31 मिनट उत्तरी अक्षांश तथा 86 डिग्री 50 मिनट और 84 डिग्री 46 मिनट पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है । यह पहले चंपारण जिले का एक सबडिवीजन था।

बेतिया शहर 26 डिग्री 48 मिनट उत्तरी अक्षांश और 84 डिग्री 30 मिनट पूर्वी देशांतर पर स्थित है । यह शहर बेतिया राजवंश की राजधानी रही है। बेतिया राज 1824 वर्ग मील में मुख्यतः बेतिया जिला के अंदर फैला हुआ है। यह राजवंश करीब 300 वर्षों से कायम है और इस वंश के लोग भूमिहार ब्राह्मण है । इस राज्य वंश के संस्थापक उज्जैन सिंह बताए जाते हैं। इनके लड़के गज सिंह को बादशाह शाहजहां ने राजा की उपाधि दी थी। मुगल साम्राज्य के पतन के समय 18 वीं सदी में किस राज्य वंश का नाम प्रसिद्ध हुआ था ।

रामनगर रेलवे स्टेशन से 6 मिल पुरब चानकी नामक एक गांव है। यहां एक टीला है जिसे लोग चनाकिगढ़ या जानकीगढ़ कहते हैं । यह टीला 250 फीट लंबा और 90 फीट ऊंचा है । लोग कहते हैं कि यह राजा जनक का किला था।

जिले के बिल्कुल उत्तर पश्चिम कोने पर जहां गंडक नदी जिले को छूती है । उस नदी पर एक घाट है। नदी के दूसरी ओर नेपाल राज्य में त्रिवेणी नामक गांव है । गंडक पंचनद और सोनाह यह तीन नदिया यहां मिलती हैं । इस कारण इस स्थान का नाम त्रिवेणी पड़ा। हिंदू इसे पवित्र स्थान समझते हैं । कहते हैं कि गज और ग्राह की लड़ाई यहीं हुई थी । कुछ लोग हरिहर क्षेत्र यानी सोनपुर में इस लड़ाई का होना बताते हैं। लेकिन त्रिवेणी में ही इस स्थान का होना अधिक संभव मालूम पड़ता है । यहां मकर संक्रांति में मेला लगता है। यहां सीता जी का एक मंदिर है कहते हैं कि सीता जी ने यहीं से अपने पुत्र लव और कुश को राम से लड़ते हुए देखा था

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