पटना साहिब रेलवे स्टेशन से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर छोटी पटन देवी मंदिर है जो शक्ति और उपासना का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यह पटना का सबसे पुराना पवित्र स्थल है। नवरात्र के दौरान यहां काफी भीड़ उमड़ती है।
मान्यता है कि महादेव के तांडव के समय सती के शरीर के 51 खंड हुए थे। यहां देवी सती का पट और वस्त्र गिरा था। जहां वस्त्र गिरा था वहां पर मंदिर बनाया गया और महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती की प्रतिमाएं स्थापित की गईं।
मंदिर परिसर के पश्चिम बरामदे में स्थित कुएं को ढक कर वेदी बना दी गई है। इस मंदिर में किसी भी समय श्रद्धालु जा सकते हैं। मंगलवार का दिन इस मंदिर के लिए खास होता है। इस दिन यहां भक्तों की लंबी कतार लगती है। कहते हैं यहां पर मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है। नवरात्र के दिनों में यहां मेला लगता है और लगभग हजारों लोग अपनी मुरादें लेकर आते हैं।
कहाजाता है कि छोटी पटनदेवी मंदिर का निर्माण 11वीं-12वीं सदी में हुआ था। लगभग 16वीं-17वीं शताब्दी के दौरान इस मंदिर का जीर्णोद्धार मुगल बादशाह अकबर के सेनापति राजा मानसिंह ने करवाया। इस मंदिर की मूर्तियां सतयुग की बताई जाती हैं। मंदिर परिसर में ही योनिकुंड है, जिसके विषय में मान्यता है कि इसमें डाली जाने वाली हवन सामग्री भूगर्भ में चली जाती है। इस मंदिर में नवविवाहित जोड़ों और नवजात शिशुओं को देवी मां के आशीर्वाद के लिए लाया जाता है।
अद्भुत होता है खोंइछा मिलन समारोह
सिटी कोर्ट के निकट विजयादशमी के दिन मारूफगंज व महाराजगंज की देवी जी के बीच खोंइछा मिलन समारोह होता है । इसके लिए जोर-शोर से तैयारीयां होती है । बुजुर्गों की मानें तो यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इस अदभुत दृश्य को देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जुटती है। ऐसी मान्यता है कि मारुफगंज की बड़ी देवी जी बड़ी बहन एवं महाराजगंज की देवी जी उनकी छोटी बहन है। मान्यता के अनुसार विजयादशमी के दिन दोनों बहनों के बीच सिटी कोर्ट के पास मिलन होता है। उसके बाद दोनों पुजारियों की ओर से धार्मिक विधि विधान से खोंइछा का अदला-बदली किया जाता है। खोंइछा अदला-बदली के बाद मां दुर्गे की भव्य आरती होती है। इसके बाद विसर्जन के लिए बड़ी देवी जी मारुफगंज भद्र घाट की ओर बढ़ती है। इसके पीछे-पीछे महाराजगंज की बड़ी देवी बढ़ती है। खोंइछा मिलन की इस अदभुत दृश्य को देखने व कैमरे में कैद करने के लिए होड़ रहती है। यह दृश्य देख लोगों की आंखें नम हो जाती है।
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Khemanichak , Near Ford Hospital Budhiya Mayi Mandir,Bihata Bmp8 Patna Raja Bazar,Patna
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